सरकारी संपत्तियों को लीज पर देकर सरकार कमायेगी 6 लाख करोड़

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नई दिल्ली (महानाद) : केंद्र सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों को प्राइवेट कंपनियों को लीज पर देने का निर्णय लिया है। सरकार को इससे 6 लाख करोड़ रुपये जुटने का अनुमान है।

सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्रोग्राम की शुरुआत की।

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एनएमपी के बारे में विस्तार से बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इन एसेट का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा, बस इन संपत्तियों से कमार्ठ करने के लिए इन्हें प्राइवेट कंपनियों को लीज पर दिया जाएगा, जिसे वे कुछ साल बाद वापस कर देंगे। नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन केंद्र सरकार के अगले 4 साल में परिसंपत्तियों से कमाई करने की एक योजना है। निजी क्षेत्र ऐसे बहुत सारे इन्फ्रास्ट्रक्चर का डवलपमेंट करेंगे और उसके जरिए कई साल तक कमाई करने के बाद वे इन परिसंपत्तियों को सरकार को वापस करेंगे।

निर्मला ने बताया नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन की मदद से निवेशकों को किसी प्रोजेक्ट के बारे में साफ तस्वीर मिल सकेगी। नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन वास्तव में सरकार के एसेट मोनेटाइजेशन इनीशिएटिव के हिसाब से मध्यम अवधि का एक रोड मैप कहा जा सकता है।

बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस वित्तिय वर्ष (2021-22) के बजट में एसेट मोनेटाइजेशन पर काफी जोर देने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार कोरोना संकट के इस दौर में पैसे की तंगी से जूझ रही है। मोदी सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंस जुटाने के नए-नए रास्ते तलाश रही है। इसके जरिए करीब छह लाख करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में दरअसल नए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सार्वजनिक बुनियादी ढांचा संपत्ति का मौद्रीकरण एक बहुत महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प बताया था। सरकार संपत्तियों के मौद्रीकरण को केवल वित्तपोषण का साधन मात्र ही नहीं बल्कि ढांचागत परियोजनाओं के रखरखाव और विस्तार की बेहतर रणनीति के तौर पर देख रही है।

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