ठगी कर बेच डाली 200 लग्जरी गाड़ियां, मौजमस्ती में उड़ा डाले 48 करोड़

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भोपाल (महानाद) : एमपी नगर पुलिस ने 200 लग्जरी कारों की ठगी कर बेचने के आरोपी को गुजरात के बड़ोदरा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने बचने के लिए आरोपी समोसा-पेठे का ठेला लगा रहा था। आरोपी ने गाड़ियों के बेचने से हुई कमाई के 48 करोड़ रुपये मौज मस्ती में उड़ा दिये। पुलिस अब तक 70 गाड़ियां बरामद कर उन्हें उनके मालिकों को सौंप चुकी है।

एमपी नगर थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 फरवरी 2022 को पिपलानी के राजा पारोछिया सहित 60 लोगों ने तहरीर देकर बताया था कि टेक्सिडो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाने वाले रविकान्त विश्वकर्मा, वरुण उर्फ राहुल बंसल, सतेन्द्र भदौरिया और राहुल शर्मा ने किराये पर चलाने के लिए एग्रीमेंट कर उनकी लग्जरी कारें लीं, लेकिन किराया नहीं दे रहे हैं औरउनकी गाड़ियों का भी पता नहीं चल रहा है।

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पूछताछ के दौरान राजधानी के शालीमार पार्क, कोलार रोड इलाके के रहने वाले वरुण उर्फ राहुल बसंल पुत्र योगेश बंसल ने बताया कि उसने केवल 12वीं तक पढ़ाई की है। ग्राहकों से ठगी कर कमाई का पैसों से उसने अपनी बहन को एमबीबीएस करवाया तथा बाकी का पैसा वह अपनी अय्याशी में खर्च कर चुका है।

उसने लग्जरी कारें किराए पर लेकर भिंड, मुरैना, शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर के प्रभावशाली लोगों को एग्रीमेंट करके बेच दिया। आरोपी प्रति वाहन 5-6 लाख रुपए एडवांस लेकर उनसे एग्रीमेंट करता था। इसके बाद ठगी के पैसों को राजधानी के गुलमोहर इलाके के बर्तन, दवा, मिठाई व अन्य व्यापारियों को ब्याज पर देता था। 9 लाख रुपये उधार देने पर वह अगले 4 महीने तक हर दिन 10 हजार रुपए के हिसाब से वापस लेता था। इससे 3 महीने के अंदर ही मूल रकम और चौथे माह में ब्याज की रकम वापस आ जाती थी। आरोपी व्यापारियों से चेक के साथ लिखा-पढ़ी भी करा लेता था।

वरुण ने बताया कि उसके पिता की ग्वालियर में पंछी पेठा नाम से दुकान थी। इकलौता बेटा होने के कारण उसके पिता उसकी हर जरूरत पूरी करते थे। उसे महंगी गाड़ियों का शौक लग गया। वह हर तीन-चार महीने में अपनी गाड़ी बदल देता था। पिता जब बुजुर्ग हो गए तो वरुण दुकान में बैठने लगा, लेकिन अपनी अय्याशियों को पूरा करने के चक्कर में उसका व्यापार ठप हो गया और उस पर 5 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया। जिसे न चुकाने पर पीएनबी ने ग्वालियर के फालिका बाजार स्थित उसका 12,000 स्क्वायर फिट का पुश्तैनी मकान नीलाम कर दिया था। जिसके बाद वह किराए के मकान में रहने लग गया।

इसके बाद उसकी दोस्ती ग्वालियर के आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों से हो गई, इन लोगों से उसने व्यापार के लिए ब्याज पर पैसा लिया था। जिसे चुकाने के लिए 2018 में वरुण इंदौर आया और यहां पेठा बेचने का अपना पुश्तैनी व्यापार करने लगा। इसी बीच इंदरगंज, थाना ग्वालियर में ठगी के आरोप में पकड़ा गया जिस कारण इंदौर की उसकी दुकान बंद हो गई।

ठगी के आरोप से छूटने के बाद वह भोपाल आ गया और होशंगाबाद रोड स्थित गोल्डन वैली कॉलोनी में किराए पर मकान लेकर टैक्सी चलवाने का काम शुरु कर दिया। धीरे-धीरे उसकी कंपनी में 200 गाडियां हो गईं। वह इन्हें किराये पर देकर प्रभावशाली व्यक्तियों से एग्रीमेंट कर एकमुश्त पैसा ले लेता था और उस पैसे को आगे ब्याज पर व्यापारियों को दे देता था। कोरोना काल में जब ब्याज नहीं आया तो उसने 50 गाड़ियां उनके मालिकों को लौटा दीं लेकिन 60 लोगों की करीब 80 गाड़िया नहीं लौटाईं।

एमपी नगर थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने बताया कि घटना के बाद से आरोपी व/ण लगातार फरार चल रहा था। उसने किराए का मकान छोड़ दिया था। मोबाइल, ऑफिस बंद कर दिया था। हालांकि वह वॉट्सऐप पर अपने कुछ दोस्तों और अपनी बहन से बात करता था। उसने बहन को 1.25 लाख रुपए का आई-फोन भी खरीदकर दिया था। पुलिस ने उसकी सीडीआर निकाली तो उसकी लोकेशन गुजरात में मिली। पिछले 3 महीने से बड़ौदा में वह अपने माता-पिता और दादी के साथ मिलकर समोसे का ठेला चला रहा था। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ठगी के दो आरोपियों रविकांत विश्वकर्मा ( 31 वर्ष) निवासी कोटरा सुल्तानाबाद, भोपाल तथा सतेन्द्र भदौरिया ( 29 वर्ष) निवासी भिंड को पूर्व में ही गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि इनका चौथा साथी राहुल शर्मा, निवासी एमपी नगर, भोपाल फिलहाल फरार चल रहा है।