फिर बगावत? काशीपुर से निर्दल लड़ने को तैयार हैं उषा चौधरी, कांग्रेस में जाने का किया खंडन

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : काशीपुर भाजपा की कद्दावर नेत्री काशीपुर नगर निगम की मेयर एक बार फिर से भाजपा से बगावत कर निर्दल के तौर पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। चौधरी ने कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने की चर्चाओं का खंडन किया है।
बता दें कि काशीपुर की राजनीति में उषा चौधरी एक बड़ा नाम है। उन्हें पार्टी से टिकट मिला या नहीं लेकिन उन्होंने चुनाव जीतकर दिखाये हैं। चौधरी एक बार नगर पालिका की चेयरमैन तथा दो बार की नगर निगम काशीपुर की मेयर हैं। अब एक बार फिर वे भाजपा के वंशवाद के खिलाफ बिगुल फूंकने के लिए तैयार हैं। इसीलिए आज उन्होंने नामांकन पत्र भी खरीद लिया है।
उषा चौधरी चुनाव लड़ने के लिए दो बार भाजपा से बगावत कर जीत हासिल कर चुकी हैं। पहली बार वे भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर नगर पालिका काशीपुर की चेयरमैन निर्वाचित हुई। दूसरी बार भाजपा ने उन्हें टिकट न देकर राम मेहरोत्रा को टिकट दिया जिस पर वे फिर निर्दल चुनाव लड़ीं। हांलाकि तब वे जीत नहीं पाई लेकिन उन्होंने भाजपा को जीतने नहीं दिया। और तब बसपा के शमशुद्दीन काशीपुर के चेयरमैन निर्वाचित हुए।
फिर काशीपुर नगर निगम बना और उन्होंने भाजपा से टिकट की मांग की लेकिन भाजपा ने उन्हें दरकिनार कर शिक्षा चौधरी को टिकट दे दिया। जिस पर वे फिर निर्दल के तौर पर मैदान में उतरीं और भाजपा को धूल चटा कर काशीपुर की पहली मेयर बनने का खिताब प्राप्त किया। जिसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी में वापिस शामिल कर लिया। दूसरी बार वे भाजपा से ही मेयर का चुनाव लड़ीं और कांग्रेस उम्मीदवार मुक्ता सिंह को लगभग 7500 वोटों से हराकर मेयर निर्वाचित हुई।
वहीं, आपको बता दें कि पिछले 20 सालों में जहां हरभजन सिंह चीमा भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर विधायक बनते रहे। वहीं उषा चौधरी उनकी राजनीतिक सहयोगी बनकर उनके कदमों से कदम मिलाकर उनकी जीत की सहयोगी बनती रहीं और ऐसा माना जाने लगा कि हरभजन सिंह चीमा उन्हें अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी घोषित कर देंगे। लेकिन आखिरकार वंशवाद की जड़ें गहरी निकली और विधायक अपने पुत्र मोह में अपने पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को भाजपा से टिकट दिला लाये। ऐसे में जहां टिकट की आस लगाये अन्य भाजपा नेताओं के सपने टूट गये वहीं मेयर उषा चौधरी भी चीमा के वंशवाद का शिकार हो गई।
लेकिन एक बार फिर से उषा चौधरी ने विरोधियों को पटखनी देने के लिए अपनी कमर कस ली है और नामांकन करने की तैयारी में हैं।
उधर, उषा चौधरी के पति हेमेंद्र चौधरी ने ‘महानाद’ को बताया कि अभी केवल पर्चा लिया है। अपने शुभचिंतकों से रायशुमारी कर रहे हैं उसके बाद ही अगले कदम की घोषणा करेंगे।

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