घायल की मदद करने वाले से नहीं होगी किसी तरह की पूछताछ : केवल खुराना

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देहरादून (महानाद) : आज दिनांक 18.01.2021 को रिजर्व पुलिस लाईन में यातायात निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2021 कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका शुभारम्भ पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा यातायात जागरुकता पर बनाये गये ऑडियो एवं वीडीयो का विमोचन किया गया।

सर्वप्रथम पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड केवल खुराना द्वारा स्वागत सम्बोधन करते हुए मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा एवं अन्य उपस्थित अधिकारियों, मीडिया व गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद करते हुए बताया कि इससे पूर्व उक्त कार्यक्रम को सड़क सुरक्षा सप्ताह के रुप में मनाया जाता है परन्तु इस वर्ष भारत सरकार के निर्देशों के अनुरुप इस कार्यक्रम को सड़क सुरक्षा माह के रुप में मनाया जा रहा है। इसी से यह आंकलन किया जा सकता है कि सड़क सुरक्षा एवं सड़क दुर्घटना के प्रति भारत सरकार कितनी गम्भीर है।

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सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी की मीटिंग में कमेटी के चेयरमेन एवं अन्य सदस्यों द्वारा उत्तराखण्ड में पिछले तीन वर्षों के अन्दर सड़क दुर्घटनाएं जो कम हुई है उसकी प्रंशसा की गई है। साथ ही हमें अभी और प्रयास करने है जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। पुलिस महानिदेशक के निर्देशन में लगातार यातायात व्यवस्था के सुधार हेतु यातायात निदेशालय द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें मुख्यतः ब्लैक स्पॉट जहाँ पर काफी सड़क दुर्घटनाएँ हुई है इनकी संख्या में कमी लाई गयी है। जो दुर्घटना संभावित क्षेत्र हंै उनकी पहचान कर ली गई है। उसको गूगल पर मैपिंग करा ली गई है ताकि प्रदेश में जो भी यात्री आ रहे है वह यह देख पायें कि किन-किन स्थानों पर सड़क दुर्घटना की संभावना अधिक है।

खुराना ने बताया कि जहाँ तक तकनीकी को बढ़ावा देने की बात है तो यातायात निदेशालय द्वारा पूर्व में 1200 ई-चालान मशीनों को जनपदों एवं यातायात कर्मिंयों को उपलब्ध करायी गई है। इससे प्रर्वतन की कार्यवाही में तेजी आयेगी। यातायात निदेशालय द्वारा Uttarakhand Traffic Eyes App भी चलाया जा रहा है। आमजन से उम्मीद की जाती है कि इस एप के माध्यम से यातायात नियमों को तोड़ने वालों के इमेज या वीडीयो उपलब्ध कर शिकायत करें। यातायात कर्मियों को भी आम लोगों से अच्छे व्यवहार को बेहतर करना है। इसी के साथ गुड स्मार्टियन के तहत एक शुरुआत की गई है कि जो व्यक्ति घायलों की मदद करेगा उससे कोई पूछताछ नहीं की जायेगी। इसके लिए पूर्व में ही जनपदों को निर्देशित किया जा चुका है। साथ ही मदद करने वालों को सम्मानित भी किया जायेगा।

खुराना ने बताया कि प्रदेश में एम्बुलेंस की संख्या काफी कम है परन्तु सड़कों जो भी वाहन चल रहे है अगर वह घायलों की मदद के लिए आते हैं तो कई एम्बुलेंस हो जाती हंै। ऐसे प्रयासों से कई जिन्दगियां बचाई जा सकती हैं। इसलिए यातायात निदेशालय की ओर सभी से निवेदन किया जाता है कि सभी लोग घायलों की मदद करें ताकि कई जिन्दगियां बचाई जा सकें। भविष्य में हाईवे पैट्रोल की शुरुआत की जा रही है ताकि हाईवे में होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को बचाया जा सके। ओवरस्पीडिंग एवं ड्रंकन ड्राईविंग में ज्यादा से ज्यादा प्रर्वतन की कार्यवाही की जायेगी एवं नियम तोड़ने वालों के ड्राईविंग लाईसेंस को कैन्सिलेशन के लिए भेजा जाएगा। ई-चालान एवं Uttarakhand Traffic Eyes App को अन्य पेमेंट एप से जोड़ा जा रहा है। यातायात निदेशालय द्वारा जितने भी सड़क दुर्घटना संभावित क्षेत्र थे उन स्थानों पर कॉनकेव मिरर लगावाये गये हैं। कोरोना काल में आम जनता द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस की प्रंशसा की गई जिससे उत्तराखण्ड पुलिस का मनोबल ऊँचा हुआ है और उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा और प्रयास किया जा रहा है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल की बात करें तो हम दो फ्रंट पर काम करते हैं। एक फ्रंट है ट्रैफिक को Smoothly चलाना, जिससे जाम ना लगे और लोगों को असुविधा ना हो और Traffic Smooth चले। दूसरा फ्रंट है सड़क सुरक्षित हो और लोग अपनी जान कम गवायें। हमें दो दिशाओं में काम करना है। ये काम बहुत बड़ा है इसका अंदाजा आप इस तरह लगा सकते हैं जब उत्तराखण्ड बना तो 4 लाख दोपहिया और चारपहिया वाहन थे। आज 20 साल बाद वाहन 30 लाख हो चुके है।

सड़क सुरक्षा सम्बन्धित कार्यों को किसी एक विभाग द्वारा ही सफल नहीं बनाया जा सकता इसमें सभी विभागों के समन्वय और जनमानस की सहभागिता जरुरी है। साथ ही सर ने बेहतर भविष्य के लिए बताया कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी एक अध्याय ट्रैफिक का सम्मिलित होना चाहिए, जिससे बच्चों को भी इसकी पूरी जानकारी अच्छे से हो ।

एसएसपी देहरादून योगेन्द्र सिंह रावत द्वारा मुख्य अतिथि छीजीपी अशोक कुमार व गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही छात्र-छात्राओं का धन्यवाद देते हुए डीजीपी को फ्लैग ऑफ कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम के अन्त में डीजीपी अशोक कुमार द्वारा सड़क सुरक्षा रैली को हरी झण्डी दिखाते हुए रवाना कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

कार्यक्रम में पीवीके प्रसाद अपर पुलिस महानिदेशक (पीएसी), अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन), अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक (पीएण्डएम), वी मुरुगेशन पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून), संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक (कुम्भ मेला), एपीअंशुमान पुलिस महानिरीक्षक (अभिसूचना), पीएस रावत पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं अनुसंधान), पुष्पक ज्योति (कार्मिक) पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड के अतिरिक्त अन्य उच्च पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मोडिफाईड साईलेंसर एवं प्रेशर हॉर्न पर चलाया गया रोडरोलर
मोडिफाईड साईलेंशर एवं प्रेशर हॉर्न से ध्वनि प्रदूषण अधिक होता है जो सभी के लिए कष्टकारी है विशेषकर गर्भवती महिलाओं, बुर्जुगों एवं हृदय सम्बन्धी बीमारियों वालों के लिए घातक हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यातायात निदेशालय द्वारा पूर्व में 03 जनवरी 2021 से 15 दिवस का अभियान भी चलाया गया था जिसमें 4736 वाहनों का चालान एवं 350 वाहनों को सीज किया गया है। मोडिफाईड साईलेंसर/प्रेशर हॉर्न वालों के मोडिफाईड साईलेंसर/प्रेशर हॉर्न को निकाला गया और इन पर उक्त कार्यक्रम में रोडरोलर चलाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य है कि भविष्य में इनका प्रयोग न करें क्योंकि यह किसी के जीवन के लिए घातक हो सकता है और यह प्राकृतिक जीवों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

उक्त कार्यक्रम में FIRST AID का प्रर्दशन किया गया जिसमें यह दर्शाया गया किया घायल व्यक्ति की मदद कैसे कि जाए एवं उसकों कैसे प्राथमिक उपचार दिया जाता है ताकि गोल्डन ऑवर में उसकी जान को बचाया जा सकें।

कार्यक्रम में यातायात पुलिस के प्रदशनी लगायी गई जिसमें निम्न उपकरणों को दिखाया गया- रडारगन, एल्कोमीटर, बाडी वार्न कैमरा, ई-चालान मशीन, नेक बैण्ड पीए सिस्टम, हैण्ड ग्लब्स, हेलमेट।

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