ग्लोबल वार्मिंग से बचना है तो लगाने होंगे पेड़ पौधे : रूना शर्मा

0
118

रायपुर (महानाद) : आर्ना फाउंडेशन भारत की अध्यक्ष एवं पर्यावरणविद रूना शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) की दिशा में ठोस पहल करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि जिस अनुपात में आबादी बढ़ रही है उस अनुपात में पेड़ों का दोहन भी हो रहा है। अगर यही स्थिति रही तो प्रकृति के बीच असन्तुलन की स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 21 मार्च को पेड़ों के महत्व के विषय में जन-जागरूकता फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व वानिकी दिवस अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ मनाया जाता है। जंगलों के बचाए रखने के लिए वर्ष 1971 में यूरोपीय कृषि संगठन की 23वीं आम बैठक में 21 मार्च को प्रतिवर्ष ‘विश्व वानिकी दिवस’ (World Forestry Diwas) के रूप में मनाने का फैसला किया गया।

उन्होंने कहा कि बाद में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने भी पेड़ों के महत्व के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व वानिकी दिवस’ मनाने पर अपनी सहमति दी, तभी से 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व वानिकी दिवस’ मनाने की शुरुआत हुई। वानिकी के 3 महत्वपूर्ण तत्वों- सुरक्षा, उत्पादन और वन विहार के बारे में लोगों को जानकारियां देने के लिए उसी साल बाद में 21 मार्च ‘विश्व वानिकी दिवस’ के रूप में चुना गया।

Advertisement

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार जंगल वस्तुतः एक ऐसा जीवित समुदाय होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, कीट-पतंगे एक-दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं। पर्यावरणविदों की शिकायत है कि पिछले कुछ दशकों में जिस तरह से मनुष्य ने अपने लालच की पूर्ति के लिए जंगलों का वध करना शुरू किया है, उससे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियर का पिघलना जैसी विकट समस्याएं शुरू हुई हैं।

रूना शर्मा ने पौधा लगाकर पर्यावरण सुरक्षा की शपथ भी ली।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here