जून माह का राशिफल: पं. गोविन्दराम की कलम से

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काशीपुर (महानाद) :
मेष (चू, चे, चौ, ला, ली, लू, ले, लो, अ) : मासारंभ ता. 2 से ही मंगल नीच राशिगत संचार करने से कार्य व्यवसाय में उलझनें व परेशानियां अधिक रहेंगी। अत्यधिक दौड़-धूप करने पर भी धन लाभ अल्प रहेंगे। मासांत में वाहनादि कार्यों पर अधिक व्यय होगा।
उपाय – 3 मंगलवार को हनुमान जी का चोला चढ़ायें, शुभ रहेगा।
वृष (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, बो) : ता. 21 तक शुक्र द्वितीयस्थ है। लग्न में राहू है। आय कम और खर्च अधिक रहेगा। परिश्रम करने पर गुजारे लायक धन प्राप्त होता रहेगा। व्यवसायिक क्षेत्रों में अनेक उतार-चढ़ाव और कार्यशैली में परिवर्तन से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। प्रिय बंधु से मुलाकात और धार्मिक कार्यों पर धन खर्च होगा।
उपाय – गौ माता की सेवा करें और काली वस्तुओं का दान करें, शुभ रहेगा।
मिथुन (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह) : ता. 3 से बुध पुनः द्वादस्थ होने से कार्य व्यवसाय संबंधी दौड़-धूप अधिक होगी। धन के खर्च भी अधिक रहेंगे। वाहन एवं मनोरंजन आदि कार्यों पर खर्च विशेष होंगे। किसी प्रिय बंधु से मुलाकात होगी।
उपाय – बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें और पन्ना रत्न धारण करें, शुभ रहेगा।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) : संघर्ष के बावजूद धन लाभ सामान्य रहेगा। अधिकांश समय व्यर्थ के कामों में व्यतीत होगा। उदर विकार एवं आंखों में कष्ट का भय है। पहले किये गये प्रयासों में सफलता तथा परिवार में खुशी के अवसर प्राप्त होंगे।
उपाय – नित्य गायंत्री मंत्र का जाप करें, शुभ रहेगा।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) : सूर्य-राहू योग के कारण स्वास्थ्य परेशानी और उत्तरदायित्चों में वृद्धि होगी। मानसिक तनाव, शत्रु भय और अनावश्यक खर्चे बढ़ेंगे। ता. 15 से सूर्य लाभस्थ होने से गत किए प्रयासों में सफलता मिलेगी। धन लाभ के अवसर बढ़ेंगे।
उपाय – सूर्य को अर्घ्य दें, आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।
कन्या (टो, प (प्र), पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) : ता. 3 से बुध पुनः भाग्यस्थ राहु युक्त रहने से आय कर्म और खर्च अधिक होंगे। परिवार संबंधी चिंता रहेगी। अत्यधिक कठिनाई से निर्वाह योग्य धन के साधन प्राप्त होंगे। परंतु पुरुषार्थ द्वारा उन्नति व लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। अपने परिश्रम से लाभ प्राप्त करेंगे।
उपाय – नित्य 21 दिनों तक गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ करें।, शुभ रहेगा।
तुला (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) : भाग्यवश ही व्यवसायिक क्षेत्र की परिस्थितियों में धीरे-धीरे सुधार होगा। मान प्रतिष्ठा में वृद्धि एवं उच्च प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क भी बढ़ेंगे। मासांत में शुक्र दशमस्थ होने से व्यर्थ भागदौड़ के कारण शरीर कष्ट रहेगा।
उपाय – सफेद वस्तुओं का दान करें और 4 शुक्रवार को शिवलिंग पर आक के फूल और कच्चा दूध चढ़ायें, शुभ रहेगा।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, पा, पी, यू) : ता. 2 से मंगल की नीच स्थिति एवं मंगल-शनि समसप्तक योग के कारण किसी निकटस्थ से मतभेद उत्पन्न होगा। मानसिक तनाव एवं घरेलू उलझनें बढ़ेंगी। अत्यधिक संघर्ष के बाद धन लाभ अल्प रहेगा। मासांत में कुछ नवीन कार्य बनेंगे।
उपाय – बजरंग बाण का नित्य पाठ करें और हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ायें, शुभ रहेगा।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, डा) : अत्यधिक संघर्ष के बावजूद धन लाभ कम रहेगा। शनि की साढ़े साती के कारण अधिकांश समय व्यर्थ के कार्यों में व्यतीत होगा। उदर में विकार एवं आंखों में कष्ट का भय है। उत्तरार्द्ध में किसी नये मित्र के साथ संपर्क पैदा होंगे।
उपाय – नित्य शनिवार को शनि चालिसा का पाठ करें, शुभ रहेगा।
मकर (भे, ज, जी, जू, जे, जो, ख, खी, खू, खे, खो, ग, गी) : मंगल-शनि मध्य समसप्तक दृष्टि संबंध रहने के कारण आकस्मिक खर्च बढ़ेंगे। किसी उच्चाधिकारी के साथ विरोध होगा। मानसिक तनाव भी रहेगा। बनते कार्य में अड़चनें पैदा होंगी। किसी विशिष्ट व्यक्ति से तकरार व मनमुटाव होगा।
उपाय – 4 शनिवार को सुंदर कांड का पाठ करें, शुभ रहेगा।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) : चतुर्थस्थ सूर्य-राहु योग साढ़े साती के कारण घरेलु तथा पारिवारिक उलझनों के कारण मन परेशान रहेगा। आर्थिक परेशानियों के कारण उलझनें बढ़ेंगी। यात्रा में अवांछित खर्च होंगे।
उपाय – आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें और शनिवार को रोटी में सरसों का तेल चुपड़ कर कुत्ते को खिलायें, शुभ रहेगा।
मीन (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची) : गुरु द्वादस्थ तथा मंगल-शनि के मध्य समसप्तक योग के कारण आय कम और खर्च अधिक रहेंगे। कार्य क्षेत्र में स्थिति असंतोषजनक रहेगी। मानसिक तनाव एवं आवेश से बचें।
उपाय – हनुमान जी को चने का प्रसाद तथा मीठा पान चढ़ायें, शुभ रहेगा।
 

।। श्री ठाकुर देवाय नमः ।।

पं. गोविन्द राम
ज्योतिषाचार्य
श्री बांके बिहारी मन्दिर
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