कृषि कानून : केन्द्र सरकार की दो टूक, इससे अच्छा विकल्प नहीं दे सकते, वापिस नहीं होंगे कानून

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नई दिल्ली (महानाद) : केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। सरकार ने किसानों से दो टूक कह दिया है कि कृषि कानून वापिस नहीं लिये जायेंगे। सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है उससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती। किसान जब चाहें इस पर विचार कर वार्ता कर सकते हैं। फिलहाल सरकार द्वारा किसानों को वार्ता की कोई नई तारीख नहीं दी गई है।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इससे बेहतर हम किसानों को कुछ नहीं दे सकते। नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। हमने किसानों के सम्मान में प्रस्ताव दिया था लेकिन वो अभी तक कोई निर्णय नहीं ले सके हैं। उन्होंने किसानों से कहा है कि यदि आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो हमें सूचित करें। हम इस पर फिर चर्चा करेंगे।

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कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि कानून किसानों के हक में हैं। पंजाब के साथ ही एक दो अन्य राज्यों के कुछ किसान कृषि बिलों के विरोध में हैं। उक्त कानून किसानों के भले के लिए हैं। इसलिए इन्हें वापिस लेने का कोई औचित्य नहीं है।

उधर, किसान संगठन भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमें स्वीकार नहीं है। कृषि कानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं किया है। सरकार ने अगली बैठक के लिए भी कोई तारीख तय नहीं की है। 26 जनवरी को लाखों की तादाद में किसान ट्रेक्टर रैली निकालेंगे।

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