क्यों एक बाप को कहना पड़ा – बेटी पैदा होते ही उसका गला घोंट देना, लेकिन पैसे वाले घर में अपनी बेटी न ब्याहाना..

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कानपुर (महानाद) : शुक्रवार की रात्रि को अशोक नगर निवासी एक मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसकी लाश बाथरूम में दुपट्टे के फंदे से लटकी मिली।

आंचल के पिता पवन ग्रोवर ने अपनी बेटी की हत्या की आशंका जताते हुए बताया कि आंचल के पति और सास उसे घर से निकालने के लिए टॉर्चर करते थे, लेकिन वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती थी। दो महीने पहले आंचल ने उन्हें फोन पर बताया था कि सूर्यांश ने उसके साथ फिर से मारपीट की है। तब उन्होंने उसे अपने पास बुलाकर पति से तलाक लेने की राय दी थी। लेकिन आंचल का कहना था कि ‘मर जाऊंगी लेकिन खरबंदा सरनेम नहीं हटने दूंगी।’ पवन ग्रोवर ने पोस्टमार्टम हाउस में अपनी बेटी के शव से लिपटकर रोते हुए कहा कि ‘बेटी पैदा होते ही उसका गला घोंट देना, लेकिन पैसे वाले घर में अपनी बेटी न ब्याहाना..।’ उन्होंने लोगों की तरफ हाथ फैलाकर पूछा कि ससुराल वालों की पैसे की भूख पूरी करने के लिए वह खुद कर्जे में डूब गए। इसके बाद भी उन्होंने उनकी फूल सी बेटी को क्यों मार दिया…। उनके इन शब्दों को सुनकर आसपास खड़े सभी लोगों की आंखें नम हो गईं

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आंचल के पिता ने बताया कि उनकी बेटी स्वराज इंडिया स्कूल की टॉपर थी। शादी से पहले वह जयपुरिया स्कूल में पढ़ाती थी। उन्होंने अपनी इकलौती बेटी को सभी सुख दिए थे। यही सोच कर पैसे वाले घर में शादी की थी कि उसे वहां भी सुख मिलगा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि उनकी बेटी का यह हाल होगा तो वे उसकी कभी शादी नहीं करते।

आंचल के दो साल के मासूम बेटे अयांश को तो यह भी नहीं पता कि, मसीबत में उसके सिर पर अपनी ममता का आंचल रखने वाली उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है। वह इन सब बातों से अनजान सुबह से अपने मामा, नानी, नाना और अन्य रिश्तेदारों के साथ खेलता रहा। बीच में जब उसे अपनी मां की याद आती तो उसकी निगाहें भीड़ में अपनी मां को खोजती हुई नजर आ रही थीं।

पवन ग्रोवर ने आरोप लगाया कि जब आंचल की सास निशा और उसका पति सूर्यांश घर छोड़ कर चले गए तो अयांश के रोने पर नौकरानियों ने उसकी पिटाई की थी। मेरी बेटी के हत्यारों को इस मासूम बच्चे पर भी तरस नहीं आया।

वहीं घर में मौजूद नौकरानियों में से एक राधिका ने बताया कि सूर्यांश भईया अक्सर आंचल भाभी को पीटते थे और मालकिन (सास) सामने बैठकर तमाशा देखती रहती थीं। अकसर ही मालकिन, भईया और भाभी में झगड़ा होता था। इस दौरान हमें कमरे बाहर कर दिया जाता था और तीनों एक कमरे में झगड़ते रहते थे। भाभी (आंचल) को परेशान करने के लिए मालकिन (सास) मुझे इस्तेमाल करना चाहती थीं…। जब भैया जिम में या बाथरूम में होते थे तो मालकिन मुझे भाभी के सामने उनके पास जाने का दबाव डालती थीं, लेकिन मैं मना कर देती थी। यह बात जानकर भाभी बहुत नाराज होती थीं।

बता दें कि मसाला कारोबारी के घर में दो नौकरानियां रहती हैं। इन दोनों नौकरानियों को निशा खरबंदा (मृतका की सास) दिल्ली के अनिल नाम के एजेंट से खरीद कर लाईं थीं।

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