पेंच : क्या पंजाब के किसानों को नहीं मिलेगा गेहूं मूल्य का भुगतान?

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चंडीगढ़ (महानाद) : अगर पंजाब सरकार ने समय रहते राज्य के किसानों का डाटा केंद्र सरकार को न दिया तो हो सकता है कि इस बार पंजाब में किसानों का गेहूं का भुगतान अटक जाये।

बता दें कि पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद आगामी 10 अप्रैल 2021 से शुरू होने जा रही है, लेकिन फसल के दाम का किसानों के खाते में सीधा भुगतान करने में जमीन के रिकॉर्ड को लेकर एक पेंच फंस गया है। केंद्र सरकार के नये नियम के मुताबिक सभी राज्यों को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के भुगतान हेतु किसान की जमीन के रिकाॅर्ड मांगे गये हैं जिसके बाद सरकार फसल का भुगतान आॅनलाइन के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में करेगी।

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बता दें कि देश के अन्य राज्यों ने फसलों की सरकारी खरीद में जमीन के रिकाॅर्ड दाखिल कर फसलों के दामों का सीधा भुगतान किसानों के खाते में करना शुरू कर दिया है, लेकिन पंजाब में अभी तक किसानों को आढ़तियों के जरिये ही भुगतान किया जा रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद में किसानों की जमीन का रिकाॅर्ड दर्ज होने के बाद ऑनलाइन भुगतान होने से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और असली किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। लेकिन पंजाब सरकार आगामी रबी सीजन में जमीन के रिकॉर्ड दाखिल करने की अनिवार्यता लागू करने को तैयार नहीं है। उसे इसके लिए अभी और समय की आवश्यकता है।

पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण ‘आशु’ ने कहा कि जमीनों के रिकॉर्ड दाखिल करना एक अच्छा कदम है, लेकिन उसके लिए हें समय चाहिए। राज्य के किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन पर बैठे हैं। ऐसे में हम उनसे जमीन का रिकॉर्ड लेने कहां जाएंगे। कई किसानों ने अपनी जमीन बटाई/ ठेके पर दे रखी है। जिस कारण जमीन पर खेती कोई कर रहा है और उसका असल मालिक कोई और है। ऐसे में बटाइदारों/ठेकेदारों को उनकी फसल का भुगतान कैसे मिलेगा।

भारत भूषण ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा है। जैसे ही उनकी मुलाकात होगी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री से किसानों को सीधा उनके खाते में भुगतान, जमीन के रिकॉर्ड और एमएसपी पर खरीद होने वाले अनाज के स्पेसिफिकेशन के मामले में बातचीत करेंगे।

भूषण ने कहा कि किसानों को आढ़तियों के जरिए सीधे उनके खाते में किसानों को भुगतान किया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार आढ़तियों को बीच में से निकालने को कह रही है।

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